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Monthly Archives: December 2021

2021 : क्या खोया क्या पाया

https://chubhan.today/wp-content/uploads/2021/12/NEW-YEAR-2021.mp3 गुजरता वक्त, कुछ अनुभव देकर जाता है, तो कुछ संकेत भी दे देता है। वहीं, आने वाला वक्त, अपने अंदर दफ्न कई राज़ लिए आता है। कल में कुछ संकेत छुपे होते हैं, कल के लिए। उस राज़ को समझने की, और उसके साथ चलने की क्षमता, हमें कल का अनुभव ही देता है। यूं…

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कविताएं बोलतीं हैं

              - अजय "आवारा" https://chubhan.today/wp-content/uploads/2021/12/ANUBHUTI-KE-KAVIK-AWARA-JI.mp3 कोई तो लिखता है, कोई दिल से लिखता है, कोई सोच कर लिखता है, पर कोई, पागलपन में लिखता है। कोई सोच समझ कर लिखता है कोई सुनाने के लिए लिखता है कोई अपनी बात लिखता है पर कोई दिल की बात लिखता है। कोई साहित्य की बात लिखता है, कोई नियमों के आधार…

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अवस्थी से भिखारी तक

https://chubhan.today/wp-content/uploads/2021/12/akhilesh-bhikhari.mp3 आज देश मे गोवंश की दशा बहुत अच्छी नहीं है।इन बेज़ुबानों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार क्यों ? जबकि गाय इस देश का धर्मशास्त्र है, कृषि शास्त्र है, अर्थशास्त्र है, नीति शास्त्र है, उद्योग शास्त्र है, समाज शास्त्र है, आरोग्य शास्त्र है, पर्यावरण शास्त्र है और अध्यात्म शास्त्र भी है। आज हम जिनसे मिलेंगे, वे हैं करुणा,…

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सुभाषितों को जन-जन के मन तक पहुंचाते सहृदय कवि

डॉ. भावप्रकाश गांधी "सहृदय" सहायक प्राध्यापक-संस्कृत, सरकारी विनयन कॉलेज गांधीनगर, गुजरात। https://chubhan.today/wp-content/uploads/2021/12/subhashit-bhavprakash.mp3 संस्कृत केवल भाषा नहीं है परंतु सत्य सनातन भारतीय संस्कृति की संवाहिका भी है । यह भाषा किसी न किसी रूप में विश्व के कोने कोने में व्याप्त है । संस्कृत साहित्य विश्व का सबसे समृद्ध साहित्य माना जाता है । यह साहित्य निर्माण…

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रंगमंच और सिनेमा की सशक्त अभिनेत्री : भाषा सुम्बली

https://chubhan.today/wp-content/uploads/2021/12/mp3230a.mp3 समकालीन हिंदी कविता के सुप्रसिद्ध कवि डॉ. अग्निशेखर जी की एक कविता से मैं आरम्भ करूँगी।पहले आप इस कविता को पढ़ें, फिर मैं बताती हूं कि आज की पोस्ट का आरंभ इस कविता से ही क्यों ? एक ललवाख का जन्म (बेटी भाषा सुम्बली के लिए) -अग्निशेखर प्रसूति गृह के बाहर मैं घड़ी की सुई की तरह कल्पनाओं में चक्कर काट…

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