आप सब जानते ही हैं कि आजकल हमने मेजर जनरल अमिल कुमार शोरी जी की पुस्तक ‘Invisible Shades of Ramayana’ पर एक श्रृंखलाबद्ध कार्यक्रम आरम्भ किया है, जिसका पहला भाग आप पिछले हफ्ते पढ़ चुके हैं और आज उसका दूसरा भाग हमारे पॉडकास्ट से प्रसारित किया जाएगा।
शोरी जी की यह पुस्तक आदिकवि महर्षि वाल्मीकि रचित रामायण पर आधारित है।अपनी पुस्तक में उन्होंने रामायण के बीस चरित्रों को लिया है और उनका ऐसा चित्रण किया है, जिससे हमारी आंखों पर बंधी पट्टी खुल सके।शायद हमें यह बात पढ़कर अच्छी न लगे परंतु सच्चाई यही है कि हमने वर्षों से अपनी आंखों पर पट्टी बांध रखी है कि क्योंकि शायद ही कोई ऐसा घर हो,जिसमें यह पवित्र ग्रंथ न हो और अपने अभी तक के जीवन में ऐसा भी नही है कि इसे पढ़ने का हमें अवसर न मिला हो।फिर भी क्या कारण है कि इस ग्रंथ में लिखी हुई बहुत से बातों से हम अपरिचित ही हैं और ज़्यादातर चरित्रों का ऐसे ही चित्रण होता रहता है जैसे सदियों से होता चला आ रहा है।इसी बात का शोरी जी ने अपनी पुस्तक में उल्लेख किया है और वाल्मीकि रामायण से ही श्लोक या उद्धरण लेकर उन बातों को हम सबके सामने लाने का प्रयास किया है।
आज के कार्यक्रम में मेजर जनरल अमिल कुमार शोरी जी ने कुम्भकर्ण और सुग्रीव के चरित्रों के कुछ अदृश्य दृश्यों से हमें परिचित करवाया है।उनके विचार सुनने के लिए पॉडकास्ट में कार्यक्रम को सुनें और आपके इस विषय पर यदि कुछ प्रश्न हों तो कृपया ब्लॉग के कमेंट बॉक्स पर अपने विचार अवश्य रखें।
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