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कोरोना योद्धा शोरी जी के जज़्बे को सलाम

“अंत में मित्रों
इतना ही कहूंगा
कि अंत महज़ एक मुहावरा है जिसे शब्द हमेशा
अपने विस्फोट से उड़ा देते हैं
और बचा रहता है
हर बार
वही एक कच्चा-सा
आदिम मिट्टी जैसा ताज़ा आरम्भ
जहां से हर चीज़
फिर से शुरू हो सकती है।”

– केदारनाथ सिंह

इन पंक्तियों को मैं हमेशा याद रखती हूं, इनमें जीवन का सार छुपा है।सच में ‘अंत’ तो कुछ है ही नहीं अगर कुछ है तो सिर्फ ‘आरम्भ’, जहां से हम जब चाहें, जैसे चाहें, एक नई शुरुआत कर सकते हैं।
कोरोना वैश्विक महामारी ने न जाने कितने लोगों को उनके परिवारों से छीन लिया और इस दुख में लोग काफी टूट गए हैं, हार गए हैं।ऐसे में बहुत बार हमारा मन ऐसा सोचने लगता है कि अब तो सब खत्म हो गया, लेकिन ऐसा सोचना भूल है क्योंकि जहां से चाहें हम जीवन को नए सिरे से आरंभ कर सकते हैं।बस ज़रूरत है हमारे अंदर जज़्बा होना चाहिए।
यथार्थ यह भी है कि जीवन चलते रहने का नाम है।’चुभन’ के कार्यक्रमों में आकर हम सबको अपनी ज्ञानवर्धक और प्रेरक बातों से अवगत कराने वाले मेजर जनरल अमिल कुमार शोरी जी और उनके परिवार ने कोरोना वैश्विक महामारी के इस दौर में उन्हें खो दिया, जिनका जाना वह क्षति है, जिसे किसी भी तरह पूरा किया ही नहीं जा सकता।शोरी सर की पत्नी श्रीमती लोकबाला शोरी मैम के कोरोना से असामयिक निधन ने हम सबको अंदर तक दुख से झकझोर दिया है लेकिन भगवान की मर्ज़ी के आगे किसी का भी बस नहीं चलता है।ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों मे स्थान दें।इस दुख की घड़ी में हमारी संवेदनाएं शोरी सर और उनके परिवार के साथ हैं।
इस दुखद घटना के बाद पहली बार शोरी सर से जब मेरी बात हुई तो अथाह दुख में होने और स्वयं कोरोना जैसी बीमारी झेलने के बाद भी जिस हिम्मत और जीवट से उन्होंने अपनी बात कही, उससे उनके लिए ‘सलाम’ शब्द ही मुंह से निकलता है।आपके जैसे लोग ही यह सिखाते हैं कि कहीं भी ‘अंत’ नही है, बल्कि एक ‘आरम्भ’ हमेशा ही सामने होता है, जहां से हर चीज़ को फिर से शुरू किया जा सकता है।
शोरी जी का कहना है कि हम जानते हैं कि सूरज का निकलना नही रुकता, न ही हवा चलनी बंद होती है, इसी तरह जीवन निरंतर चलता रहता है।कर्म करते जाना ही ज़िंदगी का दूसरा नाम है, वरना अकर्मण्य होकर बैठने के तो सौ बहाने होते हैं और शोरी जी जैसे व्यक्तित्व यह ही सिखाते हैं कि क्यों किसी भी परिस्थिति में कर्म करने से रुका जाए बल्कि जितना भी दुख आये और ज़्यादा समर्पण तथा निष्ठा से अपने कर्म में लीन हो जाइए, आपके दुख स्वयं ही समाप्त हो जाएंगे।इसीलिए उन्होनें यह भी कहा कि अब वे और निष्ठा से अपने रिसर्च, पुस्तक-लेखन और कॉलेज आदि के काम में लग जाएंगे।सच में इंसान की सोच, उसके विचार ही उसे बड़ा बनाते हैं, बातें तो हम सभी बड़ी-बड़ी कर लेते हैं, लेकिन उन पर अमल कुछ लोग ही कर पाते हैं।ऐसे लोग इस बात पर यक़ीन रखते हैं कि जब हमने जन्म लिया है तो इस समाज, इस देश का कर्ज हमें चुकाना चाहिए, न कि चुपचाप किसी कोने में बैठकर अपने दुखों को याद करते हुए जीवन के उद्देश्य को ही व्यर्थ कर दिया जाए।दुख-सुख तो चुपचाप दिल में रखने की वृत्तियां हैं और इनसे ही कई बार बड़े-बड़े काम करने की प्रेरणा भी मिल जाती है और इन कार्यों में लीन होकर हम दुख-सुख की अनुभूति से भी कई बार ऊपर उठ जाते हैं।
साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत कवि लीलाधर जगूड़ी जी की इन पंक्तियों में कितनी सच्चाई है-

“एक जीना जग ज़ाहिर
एक जीना चुपचाप
दो-दो प्रकार से जीना पड़ता है
एक जीवन कई बार….”

मेजर जनरल अमिल कुमार शोरी जी आज हमारे ‘चुभन’ के कार्यक्रम में आएंगे और इन बीते कुछ दिनों के बारे में अपने अनुभव तथा विचार हमारे साथ साझा करेंगे, जिन विचारों और सोच ने उनको एक कोरोना योद्धा के रूप में खड़ा किया है।उनके साथ पूरा संवाद आप ‘चुभन’ के पॉडकास्ट पर सुन सकते हैं।

12 Comments

  • कामेन्द्र देवरा
    Posted July 10, 2021 at 9:50 pm

    सर आपको सलाम, आपकी हिम्मत को सलाम और मैम को श्रद्धांजलि।

  • Amit Gupta
    Posted July 11, 2021 at 11:11 am

    ऐसी हिम्मत कुछ लोग ही दिखा सकते हैं, वरना ज़्यादातर लोग दुख से पीड़ित होकर अपने कर्म करना ही छोड़ देते हैं।आपके जज़्बे को सलाम।मैम को श्रद्धांजलि।

    • Hemendra Kumar
      Posted July 11, 2021 at 10:41 pm

      शोरी जी सलाम आपको।सदा आप ऐसे ही जोश में रहेंl

  • Kiran singh Adv
    Posted July 11, 2021 at 1:04 pm

    सर आपके हौसले को सलाम🙏।मैम आपसे दूर नही हुयी लगता है आपके अंदर बस गयी हैं ।मैम को विनम्र श्रधांजलि💐🙏।मन भावुक हो गया आपके सुनते हुये ,लेकिन आपकी हिम्मत हम सबको जीवन की कठिनाइयों से लडने की सीख देती है ।

  • Kiran
    Posted July 11, 2021 at 10:27 pm

    आपकी हिम्मत से सभी को बहुत हिम्मत मिलेगी सर आज जिसकी सभी को बहुत जरूरत है. बहुत ही अच्छे से आपने दुख और जीवन की व्याख्या की

  • Ritika Devra
    Posted July 11, 2021 at 10:37 pm

    आपकी बातों से हमेशा हमें प्रेरणा ही मिलती है।चुभन को भी धन्यवाद, एक ऐसे हिम्मती इंसान से हमें मिलवाने के लिए

  • Hemendra Kumar
    Posted July 11, 2021 at 10:42 pm

    शोरी जी सलाम आपको।सदा आप ऐसे ही जोश में रहें

  • Vinod Singh Rana
    Posted July 13, 2021 at 10:44 am

    To listen you, I feel proud that you are real military person and great patriot.
    Tribute to ma’am🙏

  • Shivam Tyagi
    Posted July 13, 2021 at 10:50 am

    Sir many thanks for your very influensive, effective and encouraging words.Pray to God for your good health and long life

  • Anirudh kamboj
    Posted July 13, 2021 at 11:00 am

    आपके शब्द हमेशा प्रेरणा देते हैं।आप जैसे लोगों को सुनना, सौभाग्य है

  • Vipin Pandit
    Posted July 17, 2021 at 11:04 am

    ऐसे दुख से गुजरने के बाद इतना आसान नही होता, अपनी बातें सबसे शेयर करना लेकिन आपने हम सबका मनोबल बढ़ाने के लिए यह कार्य किया।ठीक कहा आपने जब सब कुछ कर रहे हैं तो अपने कर्मों से क्यों मुंह मोड़े?

  • Sulendra kumar (Bijnor)
    Posted July 17, 2021 at 11:08 am

    आपकी बातें सर दिल को छूती हैं और हम पर असर करती हैं, आपको धन्यवाद।

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