“वह
ऊष्मा है
ऊर्जा है
प्रकृति है
पृथ्वी है
क्योंकि –
वही तो
आधी दुनिया
और
पूरी स्त्री है।”
-डॉ. शरद सिंह
महिला सशक्तिकरण और इससे जुड़े तमाम विषयों पर ‘चुभन’ से प्रायः कई पोस्ट प्रकाशित होती रहती हैं और कई विद्वान-विदुषी व्यक्तित्व इस विषय पर आकर अपने-अपने विचार हमारे पाठकों और पॉडकास्ट पर श्रोताओं के लिए प्रस्तुत करते रहते हैं।आपको स्मरण ही होगा कि अभी ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ के अवसर पर हमने महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर कार्यक्रमों की एक श्रृंखला ही प्रस्तुत की थी, जिसे आप सबने काफी पसंद भी किया था।
आज हम जिनको अपने कार्यक्रम में आमंत्रित कर रहे हैं, वे हैं अनुज जायसवाल जी, जो नाइजीरिया से हमारे कार्यक्रम से जुड़ेंगे।सोशल मीडिया में उनको काफी पढ़ा जाता है।आपने अपने संघर्ष पूर्ण जीवन की दास्तान सोशल साइट्स पर लोगों को प्रेरणा देने के लिए वर्णित की है।मुश्किल जीवन के आरंभ में ही समाज के प्रतियोगितावादी व्यवहार ने उन्हें अपने जीवन की दिशा तय करने में बहुत मदद की।पिता की असामयिक मृत्यु ने जैसे उनके जीवन के सभी द्वार बंद कर दिए परंतु समय और आत्मबल की शक्ति ने उन्हें सभी बाधाओं से निकलकर वाणिज्य की दुनिया की उत्कृष्ट योग्यताओं को हासिल करने के लिए प्रेरित किया।आपने कॉस्ट एकाउंटेंसी, चार्टर्ड एकाउंटेंसी और कंपनी सेक्रेटरी की पढ़ाई पूरी की।
आपने बहुत कम आयु से ही ट्यूशन आदि करने शुरू कर दिए लेकिन अति शीघ्र उन्हें यह आभास होने लगा कि इस पेशे में कोई भविष्य नहीं है और तब आपने कॉरपोरेट जगत की ओर रुख किया।आपने प्रतिष्ठित जिंदल संस्थान में भी कार्य किया।कुल मिलाकर आपने विभाग प्रमुख के तौर पर एक लंबा समय बिताया है।वर्तमान में आप नाइजीरिया में मुख्य वित्त अधिकारी के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
अनुज जी ने बताया कि लेखन का शौक उन्हें कॉलेज के दिनों से ही था।कुछ पत्रिकाओं में आपके लेख और कविताएं छपी थीं, परंतु अपने इस शौक को वे कोई मंज़िल नहीं दिला पाए।विगत 6-7 वर्षों से सोशल साइट्स पर आप लिखते हैं, जिनमें ज्ञानवर्धक लेख, जीवन के अनुभव, विश्लेषण, कविताएं और कहानियां प्रमुख हैं।
वैसे तो अनुज जायसवाल जी का वाणिज्य के सभी विषयों,अर्थव्यवस्था और आयकर आदि पर काफी ज्ञान और अनुभव है, परंतु आपने स्त्री-विमर्श पर भी काफी लिखा है और आज के हमारे समाज की एक बहुत बड़ी समस्या भी है यह विषय।इसलिए हमने इसी विषय पर आपके विचार जानने की कोशिश की।’पुरुष प्रधान समाज है’,’महिलाओं को उचित सम्मान नही मिलता’- इस तरह की बातों पर आपने हमारे पॉडकास्ट में अपने विचार प्रस्तुत किये।
आप क्योंकि पिछले लगभग ढाई वर्षों से नाइजीरिया में हैं तो मैंने आपसे वहां और अपने भारत देश की महिलाओं की स्थिति के अंतर के बारे में पूछा तो उसका भी आपने बहुत सटीक जवाब दिया।उनके साथ हुई मेरी पूरी बातचीत को आप ‘चुभन पॉडकास्ट’ पर सुन सकते हैं।
अपने वतन से जब हम दूर होते हैं तो निश्चित रूप से बहुत सी बातों को याद करते हैं, कुछ ऐसी बातें या नाइजीरिया में विगत ढाई वर्षो के अपने प्रवास के दौरान घटित हुई बातों या अनुभवों को हमारे साथ साझा करने के लिए जब मैंने कहा तो आपके जवाब में कुछ बातें चौंकाने वाली थी।जैसे आपने बताया कि इस देश में किसी भी भारतीय को, जब वह घर से बाहर निकलता है तो उसे हथियारों से लैस सुरक्षा कर्मी के साथ ही जाना पड़ता है, चाहे वह बाजार जाए, ऑफिस या कही भी।इसी तरह रात को भी निकलने में हर भारतीय को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
इसी तरह की बहुत सी रोचक और ज्ञानवर्धक बातों से अनुज जी के साथ मेरा संवाद पॉडकास्ट में हुआ।
3 Comments
Kiran singh
नाइजिरिया में भारतीय नागरिकों की असुरषा चिंतनीय विषय ञानवर्धक पोष्ट 👌👌
Abhilasha
Accha laga padh ke..
A.Radhika
Bahut achha laga.