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स्त्री त्रासदी का यथार्थ रूप भाग 2

मुझे खेद है कि ‘स्त्री त्रासदी का यथार्थ रूप भाग 2’ प्रकाशित करने मे मुझे अधिक समय लग गया। ममता जी के शब्द जो मैंने इस लेख के प्रथम भाग में दिए हैं, कितने सटीक हैं कि प्रेम और विवाह दो अलग संसार हैं।प्रेम में भावना और विवाह में व्यवहार की ज़रूरत होती है।यही व्यवहार […]

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