Blog

निर्भया केस : वकील ए पी सिंह के शर्मनाक बोल

आज सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप के गुनहगार अक्षय ठाकुर की पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज कर दिया।ऐसा हम सभी को लग रहा था कि कोर्ट चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी कर सकता है परन्तु कोर्ट में अब सुनवाई टल गई है।अगली सुनवाई अब 7 जनवरी 2020 को होगी।स्पष्ट है कि दोषियों को अब 20 दिन की मोहलत और मिल गई है।अब इस सारी घटना से हम सभी वाकिफ हैं लेकिन मुझे सबसे ज्यादा शर्मिंदगी आज तब हुई जब हर टेलीविज़न चैनल पर दोषियों के वकील एपी सिंह के ऊलजलूल वक्तव्य सुनने को मिले।मेरे विचार से यह इन्सान तो उतना ही दोषी है जितना गैंगरेप का कोई भी अपराधी है क्योंकि यह तो पढ़ा लिखा समझदार वकील है और इस तरह की दलीलें देकर सिवाय इतने भयंकर अपराधियों को और समय मुहैया कराने और कोर्ट का कीमती समय बर्बाद करने के वह और कुछ नहीं कर रहा।वकील द्वारा यह कहना कि मात्र 21 मिनट में 6 लोगों द्वारा गैंगरेप नहीं किया जा सकता,यह इतना शर्मनाक बयान है कि आज हर महिला के आगे शायद इस सभ्य समाज में हर पुरुष का सर शर्म से झुक रहा होगा।ऐसे पुरुष पूरी पुरुष जाति का अपमान करते हैं और इसके साथ ही अपने पेशे वकालत का भी अपमान करते हैं।मुझे तो लगता है कि इतनी घिनौनी हरकत करने वाले अपराधियों को तो वकील ही नहीं मिलने चाहिए लेकिन ठीक है यह हमारे कानून और संविधान के अनुसार होता है तो थोड़ी तो गैरत इस तरह के वकीलों को होनी चाहिए कि वे इस तरह के अपराधियों के वकील बनें अवश्य परन्तु समाज के प्रति भी कुछ अपना उत्तरदायित्व निभाएं।एपी सिंह की तरफ से जो दलीलें दी गईं वे उनकी क़ानूनी महारत को नहीं दर्शातीं वरन उनके मानसिक दिवालियेपन का द्योतक है।उनके द्वारा यह कहना कि “कलयुग में लोग केवल 60 साल तक जीते हैं जबकि दूसरे युगों में और ज़्यादा जीते थे।दिल्ली में वायु प्रदूषण और पानी की गुणवत्ता बेहद ख़राब है ऐसे में फांसी की सजा क्यों?” उनके पागलपन को ही दर्शाता है।

इस तरह की गन्दी सोच ही समाज में ऐसी घटनाओं को अंजाम देती है।आज निर्भया की माँ रोते-रोते कोर्ट से बोलीं कि पिछले सात सालों से जहाँ-जहाँ वे गईं सबने इन अपराधी दरिंदों के अधिकारों की ही बात की।आज मेरे जैसा हर इन्सान यह जानना चाहता है कि उस भोली-भाली मासूम लड़की और उसके दुखी माता-पिता की बात क्यों नहीं किसी ने भी की?वह तो वास्तव में आज पूरा समाज जागरूक हो गया है और हर तरफ इस तरह के वहशी दरिंदों को फांसी पर लटकाने की मांग उठ गई है।यही इस समाज के लिए एक सकारात्मक बात हुई है।ऐसे वहशी जानवर सम्पूर्ण मानवता के लिए कलंक हैं इसलिए इनके साथ मनुष्यता जताना सारी मानव जाति का अपमान करना है।भारतीय समाज में नारी पर कम अत्याचार नहीं हुए हैं।जहाँ एक ओर नारी के रूप में लक्ष्मी और सरस्वती की पूजा की जाती है,वहीँ दूसरी तरफ समाज नारियों के शोषण और तिरस्कार पर तुला हुआ है और इन सबमें पूरी-पूरी भागीदारी ऐसे वकील साहब (एपी सिंह) जैसे चरित्रों की भी है और मुझे तो ऐसे लोग उन वहशी बलात्कारियों से भी ज्यादा घातक लगते हैं क्योंकि ऐसे लोग समाज में सफेदपोश बनकर आज हर तरफ आपराधिक घटनाओं को बढ़ावा देने पर तुले हुए हैं।औरत को अपना जीवन भी कुरुक्षेत्र ही नज़र आने लगता है।शताब्दियाँ बीत गईं,परिस्थितियां बदल गईं किन्तु नारी आज भी नहीं बदल पाई है।इस तरह की पुरुषवादी सोच (एपी सिंह जैसे कुछ पुरुष) ने नारी को गुलामी के बंधन में जकड़ दिया है।

आज का सामाजिक परिवेश बहुत कुछ बदल चुका है।नारी घर की चारदीवारी लांघ चुकी है,किन्तु उसकी भावनाओं की प्रगतिशीलता को सामाजिक नियमों,रिवाजों तथा संस्कारों की थोथी मान्यताओं ने बंधन में जकड़ा हुआ है।कहने का तात्पर्य है कि आज की भारतीय नारी स्वतंत्र होते हुए भी परतंत्र है और इस बात का एहसास हर एक ऐसी घटना के साथ हो जाता है इसलिए पूरे समाज का अब यह दायित्व होना चाहिए कि सिर्फ अपराधी को ही मारने की बात न करें वरन ऐसी आपराधिक प्रवृत्तियों के लोगों को भी इतना बेईज्ज़त और तिरस्कृत किया जाए कि भविष्य में वे ऐसे अपराधियों का साथ देना तो दूर ऐसा सोचें भी नहीं।इसके लिए समाज के हर व्यक्ति को ही आगे आना होगा क्योंकि कानून और संविधान का लाभ उठाते हुए उसी के दायरे में अपनी चालाकी से ऐसे लोग अपराधियों का साथ देते रहते हैं।सरकार या प्रशासन कोई भी ऐसे में कुछ भी करने में असमर्थ रहता है इसलिए समाज अब जागरूक हुआ है और वही इस ओर सकारात्मक कदम उठा रहा है जो कि एक अच्छी बात है।

One thought on “निर्भया केस : वकील ए पी सिंह के शर्मनाक बोल

  1. ए पी सिंह जैसे लोग समाज के लिए कलंक है।विकृत व्यक्ति के लिए क्या बोलना।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top
+