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आवारा की बातें

अतीत का वर्तमान : अमृता प्रीतम                                   -अजय ‘आवारा’ अमृता प्रीतम जी की लेखनी के बारे में कुछ लिखना, किसी आम कलम के बूते की बात नहीं। अमृता प्रीतम वह लेखिका हैं, जिनकी कलम उन्हें सब से अलग खड़ा […]

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‘संस्कृत दिन’ है लेकिन दीन नहीं

“भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिस्तथा” अर्थात् संस्कृति का मूल संस्कृतभाषा है। संस्कृत भाषा ही भारतीय संस्कृति का आदिस्रोत है। संस्कृत भाषा में ही भारत के सांस्कृतिक विचार, उच्चादर्श और नैतिक मूल्य समाहित हैं। आज ‘संस्कृत दिवस’ है।इस अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।आज हम मिलेंगे डॉ. अमृतलाल गौरीशंकर भोगायता जी से, जो ब्रह्मर्षि संस्कृत […]

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राष्ट्रवाद की आवाज़

                – अजय “आवारा” आज हमारी स्वतंत्रता का 75वां राष्ट्रीय पर्व है। 15 अगस्त, हमारे लिए तारीख मात्र नहीं, अपितु एक भावनात्मक जुड़ाव भी है। यह वह दिन है, जिस दिन हमको अपने भारतीय होने पर गर्व होता है। पर क्या, 15 अगस्त पर ही भारतीय होने का […]

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Blog दक्षिण भारत के रंग

विश्व का एकमात्र अंक काव्य : सिरि भूवलय

– डॉ.स्वर्ण ज्योति भाषा विचारों के आदान-प्रदान का सशक्त माध्यम है। मानव का मानव से संपर्क माध्यम है भाषा। किंतु भाषा क्या है? इसकी उत्पत्ति कैसे हुई? मानव ध्वनि संकेतों के सहारे अपने भावों और विचारों की अभिव्यक्ति करने के लिए जिस माध्यम को अपनाता है उसे भाषा की संज्ञा दी जाती है। भाषा शब्द […]

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