“दान कर, तो तू महादान कर,
वतन पर अपना कर्ज अदा कर,
मतदान दिवस है आज का दिन,
चल निकल,आज तू मतदान कर।
वतन का भी तुझ पर हक है,
तेरे हिस्से का बाकी ये कर्ज है,
काबिल को उसका हक अदा कर,
चल निकल, आज तू मतदान कर।
अभी नहीं जागा तो कर्ज रह जाएगा,
देश गलत हाथों में चला जाएगा,
अपने स्वार्थ का तू आज त्याग कर,
चल निकल, आज तू मतदान कर।”
कवि अजय “आवारा” जी ने इन पंक्तियों में मतदान के महत्व को बहुत ही सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया है।
वास्तव में लोकतंत्र में मतदान का बहुत महत्व होता है, क्योंकि मतदान से ही लोकतंत्र मजबूत होता है।मतदान हमारे पास वह जरिया है, जिसके द्वारा हम ऐसे जनप्रतिनिधियों का चुनाव कर सकते हैं, जो देश को विकास की राह पर ले जाएं, परन्तु यह तभी संभव हो सकता है, जब देश का प्रत्येक नागरिक मतदान के महत्व को समझे और अपने विवेक से सही प्रतिनिधि का चुनाव करे।वोट देना हमारे देश के प्रति हमारी ज़िम्मेदारी है, इसलिए हमें मतदान अवश्य करना चाहिए।
हम सब इस बात को जानते हैं कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और हमारा देश विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से भी एक है, जिसमें बहुरंगी विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है।फिर भी यह एक युवा राष्ट्र है।
हमें गर्व होना चाहिए कि हमारा देश भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा राष्ट्र है, जिसने हर वयस्क नागरिक को स्वतंत्रता के पहले दिन से ही मतदान का अधिकार दिया है।अमेरिका, जो विश्व का दूसरा सबसे बड़ा लोकतंत्र है, उसने स्वतंत्रता के 150 से अधिक वर्षों बाद इस अधिकार को अपने नागरिकों को दिया।हमें चिंतन करना चाहिए कि हमें कितना बड़ा अधिकार मिला हुआ है।
प्रशासन मजबूत बने और चुनी गई सरकार जनता के हितों के लिए काम करे, यह तभी संभव है जब देश के शत-प्रतिशत मतदाता अपना मतदान करें, क्योंकि हमारा कीमती वोट किसी भी नेता का मूल्यांकन कर सकता है।हमारे आने वाले पांच वर्ष कैसे बीतेंगे, यह हमारा एक वोट ही तय करता है।
इन सब बातों पर मंथन करने के लिए आज ‘चुभन पॉडकास्ट’ पर हमने डॉ. भारत को आमंत्रित किया है, जो पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ में कानून के प्रवक्ता हैं और शैक्षणिक परिवेश में शिक्षण व अनुसंधान का समृद्ध एवं व्यापक अनुभव रखते हैं।
शोध-कार्यों पर पैनी नजर के कारण डॉ. भारत के लगभग तीन दर्ज़न लेख प्रतिष्ठित कानूनी व बहुविषयक शोध-पत्रिकाओं एवं पुस्तकों में प्रकाशित हो चुके हैं। शोधकर्ताओं ने आपके मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक पी.एच.डी. शोध पूरा किया है। आपने दो पुस्तकों का सह-संपादन भी किया है।
शैक्षणिक कर्तव्यों और प्रशासनिक जिम्मेदारियों के साथ आप पिछले दो दशकों से ज्वलंत संवैधानिक-सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर प्रमुख राष्ट्रीय समाचार-पत्रों में व्यापक लेखन कर जागरूकता के साथ-साथ जनता में संवेदनशीलता बनाने के अथक और सफल प्रयास करते आये है। आकाशवाणी से भी आपकी बहुधा वार्ताएं प्रसारित होती रहती हैं।
आपको उच्च-शिक्षा के क्षेत्र में योगदान हेतु सन 2020 में ‘एस.एस. राष्ट्रीय पुरस्कार’ से भी नवाज़ा गया था तथा आपकी कार्यलग्न व कर्मनिष्ठा को देखते हुए आपको पंजाब सरकार के तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्रालय में विशेषज्ञ के रूप में भी संलग्न किया जा चुका हैं।
आइए आज “लोकतंत्र में मतदान का महत्व” विषय पर डॉ. भारत के ओजस्वी विचार सुनते हैं।
‘मतदान’ पर श्रीमान अजय आवारा जी की पंक्तियाँ बहुत ही प्रभावशाली और प्रशंसनीय हैं।
उक्त पंक्तियों ने इस परिचर्चा को वांछित गति प्रदान करने के लिए एक अच्छी पृष्ठभूमि तैयार की।
वोट देना हमारे देश के प्रति हमारी ज़िम्मेदारी है
आपका लेखन ही आप के व्यक्तित्व की पहचान है।
साधुवाद। विचार क्रान्ति के इस अभियान की पताका आप सतत फहराते रहें ताकि युवावर्ग आप से प्रेरित होकर सदमार्ग पर चलता रहे।
Sir, your views are very encouraging and wonderful. Voting is not only a right,but also a duty of every citizen of India for a healthy and prosperous democracy…
Sir, it’s been my pleasure to be listening to the informative, analytical and inspiring words of wisdom. The expression and articulation of fluid thought provide a very meaningful insight about the topic. We would like to hear more from the fountain head of such intellectual thoughts. 🙏🏻🙏🏻