“मां तेरी उपमा अनुपम है, अनुपमेय गरिमा है, तू है यशस्वी शाश्वत तेरी, अकथनीय महिमा है।” मां एक छोटा सा नाम, किन्तु जिसका विस्तार नभ से भी बड़ा है।मां का ममत्व किसी अविरल बहते मीठे जल की नदी से भी ज़्यादा शीतल है ।माँ, जिसके आँचल की शीतलता का मुकाबला, पछुवा की ठंडी पवन भी […]