हर घर तिरंगा

                      -रामेंद्र सिंह चौहान

                        संपादक डी डी न्यूज़, लखनऊ

सवाल उठता है कि आखिर हर घर तिरंगा अभियान क्यों? यह तिरंगा अभियान इसलिए क्योंकि अब काशी में बम विस्फोट नहीं होते, अब बाबा काशी विश्वनाथ का मंदिर गलियों से नहीं मुख्य सड़क और मां गंगा तट से जुड़ता है। काशी अब सनातन संस्कृति के केंद्र के साथ व्यवसायिक गतिविधियों और पर्यटन के बड़े केंद्र के रूप में उभर रहा है, हर घर तिरंगा अभियान इसलिए।

अब उत्तर प्रदेश की सरकार आतंकवादियों के मुकदमे नहीं हटाती है। अब उत्तर प्रदेश में माफिया का राज भी नहीं है। अब उत्तर प्रदेश की बहू बेटियां निर्भीक होकर सड़क पर गुजरती है। अब उत्तर प्रदेश की मातृ शक्ति रोजगार के साथ जुड़ रही हैं यह हर घर तिरंगा अभियान इसलिए है। देश तभी आगे बढ़ता है जब देश की आवाम अपने देश से प्यार करती है, अपने तिरंगे से प्यार करती है, जब अपनी मातृभूमि को बलिदान देने हम पीछे नहीं हटते और सीमा को सुरक्षित करने के लिए लहू से उसे सिंचित करते हैं। तब हर घर तिरंगा अभियान आवश्यक हो जाता है।

जब कश्मीर से धारा 370 हट जाती है, जब वहां के अलगाववादी नेताओं की राज्य सुविधाएं समाप्त हो जाती है, जब कश्मीर के पत्थरबाज हमारे जवानों के गालों पर चांटा मारने का साहस नहीं कर पाते हैं तब यह तिरंगा यात्रा आवश्यक हो जाती है। जब हम कई सौ सालों का लगा कलंक अयोध्या की धरती से धो देते हैं। जब हम अपने मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का भव्य मंदिर का निर्माण कर रहे होते हैं। अपने प्रभु के लिए प्राण न्योछावर करने वाले भक्तों की इच्छा पूर्ण कर देते हैं तब यह हर घर तिरंगा अभियान आवश्यक हो जाता है। जब उत्तर प्रदेश अपराध प्रदेश की जगह उत्तम प्रदेश बनता है।जब उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे प्रदेश बनता है। जब उत्तर प्रदेश निवेश का शानदार स्थल बनता है। तब यह हर घर तिरंगा अभियान आवश्यक हो जाता है। जब देश का युवा नौकरी पाने की नहीं नौकरी देने के सपने देखता है। जब सरकार किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए काम करती है। जब कोविड काल की चुनौती में सरकार गरीबों की मदद करती है। तब यह हर घर तिरंगा अभियान आवश्यक हो जाता है। जब हम आजादी के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, रामप्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह को भूलने लगते हैं। जब हम आजादी के लिए गुजरते हुए सुहाग राखी की प्रतीक्षा और मां के बहते आंचल से दूध को भूल जाते हैं। जिन्होंने अपनी मां को आजाद कराने के लिए सब कुछ लुटा दिया उनके सपनों का भारत बनाने के लिए यह हर घर तिरंगा अभियान आवश्यक हो जाता है। जब भारत का नेतृत्व दुनिया को दिशा देता है। जब देश अपने विरोधियों की आंख में आंख डाल कर बात करता है और अपनी सरहद की सुरक्षा के लिए किसी भी चुनौती से टकराने के लिए तैयार रहता है । तब हर घर तिरंगा अभियान आवश्यक हो जाता है। जब हम अपने गुमनाम नायकों को नमन करते हैं। जब देश गढ़े गए झूठे इतिहास को नेपथ्य में फेंकता हैं और नया इतिहास बनाते है। तब हर घर तिरंगा अभियान आवश्यक हो जाता है। जब हमारे खिलाड़ी खेलों में शानदार प्रदर्शन करते हैं। जब हमारी बेटियां दुनिया में अपना नाम रोशन करती हैं और भारत के सैन्य शक्ति की ताकत बनती हैं। घर की चारदीवारी से निकलकर मातृशक्ति दुनिया के कंधे से कंधा मिलाकर चलती है। तब हर घर तिरंगा अभियान आवश्यक हो जाता है। हर अभियान राजनीति के चश्मे से नहीं देखा जाता है। कुछ काम देश के लिए होते हैं और अगर औपचारिकता बन गए राष्ट्रीय पर्व को हम अभियान बनाकर युवा पीढ़ी को उनके इतिहास से परिचित कराते हैं।तब यह हर घर तिरंगा अभियान आवश्यक हो जाता है। जब हमारे लिए हमारा देश और धर्म शर्म का नहीं गर्व का विषय हो जाता है। जब हम जाति धर्म की दीवारें लांघ कर राष्ट्र के लिए काम करने लगते हैं। जब ऊंच-नीच की खाई को पार कर देश को एक साथ आगे बढ़ाने के लिए सोचने लगते हैं। तब हर घर तिरंगा अभियान आवश्यक हो जाता है।

3 thoughts on “हर घर तिरंगा

  1. नई पीढ़ी को अपने गौरवशाली इतिहास को जानने के लिए हर घर तिरंगा जरूरी हो जाता है। अनगिनत शहीदों को याद करने के लिए हर घर तिरंगा जरूरी हो जाता है।

  2. आजादी के अमृत महोत्सव पर हम अपने-अपने घरों में देश की आजादी के प्रतीक हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे 🇮🇳 को पूरे सम्मान के साथ फहराकर देश की स्वाधीनता के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले आजादी के महान नायकों को मेरा नमन । *🇮🇳 जय हिन्द, जय भारत 🇮🇳*

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