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संघर्ष से सफलता तक : डॉ नारदी पारेख

विपरीत परिस्थितियों को अपने हक में करने का हुनर विरले लोगों में होता है लेकिन जिनमें यह हुनर होता है, वे कुछ खास शख़्स ही होते हैं और ऐसी ही एक शख्सियत से आज आप चुभन के पटल पर मिलेंगे। वे हैं, डॉ. नारदी जगदीश पारेख जी।

आपने अपने हौसले के दम पर राह में आने वाली हर मुश्किल को पीछे छोड़ दिया, उसे हरा दिया और जीवन मे एक नया मुकाम हासिल किया।

👆🏾सुप्रसिद्ध अभिनेत्री बिंदु, नारदी जी के अरेबियन डांस कार्यक्रम में।

नारदी जी ने अपने शारीरिक कष्टों को अपने मार्ग में बाधा बनकर कभी भी नही आने दिया। ऐसी शारीरिक परिस्थितियां, जिनमें हम जैसे लोग 1 मिनट खड़े भी न रह सकें, उन परिस्थितियों में आपने मंच पर नृत्य किया और बड़े बड़े कलाकारों को अपने आगे नतमस्तक हो जाने के लिए मजबूर कर दिया। एक मंच पर तो उनका नृत्य देखकर माधुरी दीक्षित जैसी सुप्रसिद्ध अभिनेत्री और नृत्यांगना भी स्वयं को रोक न सकीं और मंच पर आकर नारदी जी के साथ झूम झूमकर नृत्य किया।

वे एक बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न महिला हैं, जिनमें बहादुरी कूट कूट कर भरी हुई है।

नारदी जी को मैंने बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न महिला इसीलिए कहा क्योंकि उन्होंने साहित्य सृजन भी किया और साहित्य की कई विधाओं में अपनी लेखनी चलाई। आपकी सोलह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। न सिर्फ हमारे देश वरन कनाडा के अखबारों में भी उनके स्वास्थ्य विषयक लेख प्रकाशित होते रहते हैं। वे प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ के तौर पर भी हमारे सामने आती हैं।

वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की चिल्ड्रेन यूनिवर्सिटी के तपोवन प्रोजेक्ट में गर्भ संस्कार के वर्ग लेती हैं।

उनसे बात करके मुझे हमेशा प्रेरणा मिलती है, आज की युवा पीढ़ी के लिए उनके व्यक्तित्व को जानना समझना बहुत आवश्यक है। कोई भी कार्य या किसी भी विषय पर जब भी मैंने उनसे बात की, उन्होंने पूरे जोश और जज़्बे के साथ उस कार्य को करने का बीड़ा उठाया। उनका कहना है कि मेरा शरीर ज़रूर टूटा है, पर मेरा मन पूरी हिम्मत से सब कुछ कर सकता है।

तो चलिए ऐसी शख्सियत से आज “चुभन पॉडकास्ट” पर मिलते हैं।

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