शिक्षा के बिना सभ्य और शिक्षित समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती और शिक्षा का यह मार्ग गुरु के दर से होकर ही जाता है।वह गुरु ही है जो अपने ज्ञान और अनुभव से मामूली इंसान को आम से खास बना देता है।आज का दिन यानि 5 सितम्बर देश में ‘शिक्षक दिवस’ के […]
Author: Chubhan Today
महिलाएं ही क्यों उपहास का पात्र?
जिस समाज में ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः’,या ‘औरत तो दुर्गा है’ और ऐसी ही बहुत-सी उपमाओं से नारी को सम्मान देने की कोशिश की जाती है और ‘बेटी’ से लेकर ‘माँ’ तक हर रूप में स्त्री को सम्मान देने की संस्कृति रही है,वहां पता ही नहीं चला कि कब और कैसे महिलाएं उपहास […]
तुलसीदास कुछ नहीं,केवल रत्ना के शब्दों का चमत्कार
लोकहित तथा लोक-धर्म के कट्टर समर्थक गोस्वामी तुलसीदास जी के नाम को,ऐसा कोई भी नहीं होगा जो न जानता हो।कलयुग में राम कथा के विस्तारक तथा उन्नायक तुलसीदास जी की रचनाओं में मर्यादा तथा औचित्य का सर्वत्र प्रत्येक पग पर ध्यान रखा गया है।हिंदी साहित्य-संसार में गोस्वामी तुलसीदास जी के ऊपर बहुत शोध-कार्य किये गये […]
संत-सम्प्रदाय : विश्व-सम्प्रदाय
विश्व में हर धर्म में अनेक संत हुए हैं।संतों के वचन अनमोल होते हैं और कुछ ही शब्दों में गहरी बात कहने की इनमें ईश्वर-प्रदत्त शक्ति होती है।कुछ संत और उनके विचारों से तो हम सभी परिचित हैं या कह सकते हैं कि उन्हें इतनी प्रसिद्धि मिलती है कि शायद ही दुनिया में कोई हो […]
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ
15 अगस्त 1947 को लम्बी पराधीनता के बाद भारत को स्वतंत्रता का वरदान मिला।इस वर्ष हम आज़ादी की 73वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।भारत की आज़ादी का संग्राम बल से नहीं वरन सत्य और अहिंसा के सिद्धांत के आधार पर विजित किया गया।इतिहास में स्वतंत्रता के संघर्ष का एक अनोखा और अनूठा अभियान था,जिसे विश्व भर […]
अनुच्छेद 370 का अंत…..तुरंत
कल जो भी कुछ हुआ उसके बारे में तो आप सभी भली-भांति अब तक परिचित हो गये होंगे।वास्तव में अगस्त महीने का भारत के इतिहास में विशेष महत्व रहा है।चाहे वह 8 अगस्त को आरम्भ हुए ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ की बात हो या 15 अगस्त को मिली आज़ादी की।कल यानि 5 अगस्त को […]
किस्सा बगीचे का
ज़रा-सी आहट पर चंद्रशेखर जी की नींद टूट गई।कुछ समय तो उन्होंने शून्य में रहकर दूसरी आवाज़ आने की प्रतीक्षा की।फिर अपने मन को समझाने की कोशिश की कि हो सकता है हवा चल रही हो और पत्तियों की सरसराहट हो रही हो लेकिन मन भला कभी समझाने से समझा है,अचानक उन्हें लगा कि बगीचे […]
प्रेमचंद:धनपतराय से मुंशी प्रेमचंद बनने की कहानी
साहित्य-क्षेत्र में प्रेमचंद के नाम से विख्यात प्रेमचंद का असली नाम धनपतराय था।हिंदी साहित्य के गगन में प्रकाशवान सूर्य की तरह भासमान प्रेमचंद जी का जन्म 31 जुलाई 1880 में काशी के लमही ग्राम में हुआ था।उनके पिता अत्यधिक निर्धन थे।इसीलिए उनको बाल्यकाल से ही आर्थिक तंगी और विपन्नता का शिकार होना पड़ा था।साधारणतः बच्चों […]
वर्तमान में सहिष्णुता का प्रश्न:चैतन्य महाप्रभु का सन्देश
भगवान श्री कृष्ण की श्रीमद्भागवद्गीता में यह उद्घोषणा है कि जब-जब भी धर्म की हानि होती है,मैं साधुओं की रक्षा,दुष्टों के विनाश एवं धर्म की स्थापना के लिए युग-युग में अवतार लेता हूँ।चैतन्य महाप्रभु इस धरा पर जब मध्य युग में अवतरित हुए,इतिहास का वह काल ‘अंधकारमय काल’ कहा जाता है।राजनैतिक परतंत्रता,धार्मिक व सांस्कृतिक […]
कारगिल विजय दिवस
26 जुलाई का दिन हममें से किसी को भी नहीं भूलना चाहिए।आज का दिन ‘विजय दिवस’ या ‘कारगिल शौर्य दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।वैसे तो कारगिल युद्ध मई 1999 के पहले सप्ताह से प्रारंभ होकर 26 जुलाई 1999 तक चला।दुनिया के सबसे ऊंचे रणक्षेत्र में लड़े गये कारगिल युद्ध को जीतने में जांबाजों […]