हमारे देश में प्रतिवर्ष श्रावणी पूर्णिमा के पावन अवसर को “संस्कृत दिवस” के रूप में मनाया जाता है। श्रावणी पूर्णिमा अर्थात् रक्षा बन्धन का पावन पर्व भी इसी दिन होता है और यह ऋषियों के स्मरण तथा पूजा और समर्पण का पर्व माना जाता है। वैदिक साहित्य में इसे “श्रावणी” कहा जाता था। इसी दिन […]
Author: Chubhan Today
अनिल रस्तोगी जी : एक जीवन जो कला और विज्ञान को मिलाता है
हर इंसान कोई न कोई विशेषता या ख़ासियत लेकर ही जन्म लेता है, यह अलग बात है कि हममें से बहुत से लोग अपनी इन विशेषताओं को उजागर ही नहीं कर पाते और यह खासियत दबी ही रह जाती है लेकिन कुछ लोग अपनी इन विशेषताओं के कारण ही विशिष्ट बन जाते हैं और […]
संघर्ष से सफलता तक : डॉ नारदी पारेख
विपरीत परिस्थितियों को अपने हक में करने का हुनर विरले लोगों में होता है लेकिन जिनमें यह हुनर होता है, वे कुछ खास शख़्स ही होते हैं और ऐसी ही एक शख्सियत से आज आप चुभन के पटल पर मिलेंगे। वे हैं, डॉ. नारदी जगदीश पारेख जी। आपने अपने हौसले के दम पर राह में […]
आस्था का टकराव : राष्ट्रीयता में बिखराव
– अजय “आवारा” साधारणतया, किसी राष्ट्र के निर्माण की पृष्ठभूमि, संस्कृति एवं आस्था पर आधारित होती है। एक विशेष तरह की संस्कृति एवं एक विशेष आस्था के केंद्र के इर्द-गिर्द ही उस राष्ट्र की धुरी घूमती है। जो आगे चलकर उस राष्ट्र की पहचान के रूप में स्थापित होती है परंतु, यह सिद्धांत हमारे […]
मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह जी से मुलाक़ात
ð मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह जी के साथ मेरे संवाद को इस वीडियो में सुनें। आज मैंने जायस, जो कि तिलोई विधानसभा क्षेत्र में आता है, वहां के विधायक और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री राजा मयंकेश्वर शरण सिंह जी से मुलाकात की। आप उत्तर प्रदेश सरकार में चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, संसदीय […]
सनातन धर्म और संस्कृति से प्रभावित यूरोपीय व्यक्तित्व
सनातन परंपरा एक खुली हुई जीवन-व्यवस्था है, जो भी इसे अपने जीवन में आदर्श व्यवस्था के रूप में अपनाना चाहे, उसके लिए यह बिना किसी शर्त, बंधन या अनुबंध के शुद्ध प्रेम से अपनी बांहें खोले हुए तैयार है। इसकी ज्ञान और भाव-संपदा इतनी अधिक है कि हर व्यक्ति अपनी क्षमता भर झोली और अंजुलि […]
हिन्दी दिवस
चुभन के पाठकों को “हिंदी-दिवस” की हार्दिक शुभकामनाएं। हिंदी हमारी राजभाषा है अतः इसका सम्मान बहुत आवश्यक है।चीनी भाषा के बाद बोली जाने वाली विश्व की दूसरी सबसे बड़ी भाषा हमारी हिंदी ही है।आज हिंदी राजभाषा,संपर्क भाषा,जनभाषा के सोपानों को पार कर विश्वभाषा बनने की ओर अग्रसर है तो वही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफलता प्राप्त […]
दो भाषा और कुछ विचार, तमिल और तेलुगु के आचार
आप सब जानते ही हैं कि चुभन पर हमारा प्रयास यह रहा है कि साहित्य, कला और संस्कृति के आधार पर हम पूरे देश को एक साथ लाएं, आपस में एक दूसरे के साथ भावों और विचारों का आदान-प्रदान करें। इस उद्देश्य के तहत हमने बहुत से कार्यक्रम चुभन से प्रसारित भी किये, जिन्हें आपने […]
आधुनिक संस्कृत की पहचान : पद्मश्री वेदकुमारी घई जी
इस वर्ष 30 मई को पद्मश्री से सम्मानित प्रसिद्ध शिक्षाविद और संस्कृत की प्रोफेसर वेदकुमारी घई जी का देहावसान हो गया। आज ‘संस्कृत दिवस’ है।प्रत्येक वर्ष हम श्रावण पूर्णिमा के तीन दिन पूर्व और तीन दिन बाद संस्कृत सप्ताह मनाते हैं। आज के दिन यदि हम उनका स्मरण न करें तो यह दिवस अधूरा ही […]
कला या चमत्कार
हमारी सोच को एक अनदेखे मुक़ाम तक ले जाने वाली, और कल्पना को साकार करने वाली कला ही होती है। ये यक़ीन दिलाती है कि हर चीज़ सीमा में बंधी नहीं होती। किसी भी कला में इतनी शक्ति होती है कि वह मानव-मन को रूहानियत में बदल देती है, क्योंकि कला का सीधा संबंध हृदय […]