होली, एक पर्व मात्र नहीं, बल्कि जीवन-दर्शन भी है।होली के रंग तो एक दिन में उतर जाते हैं।क्या जीवन के रंगों का समावेश हमेशा के लिए नहीं कर लेना चाहिए ? जाने-अनजाने, हम जीवन के रंगों को दरकिनार करते जाते हैं।पता नहीं क्यों हम चटकीले रंगों पर उदासीन रंगों को हावी होने देते हैं? क्यों […]
Author: Chubhan Today
‘द कश्मीर फाइल्स’ : दिल को झकझोरती फ़िल्म
‘द कश्मीर फाइल्स’ फ़िल्म देखकर,जो कुछ मैंने महसूस किया, वह ज़िन्दगी में पहली बार हुआ।मेरा दिमाग सुन्न हो चुका था, कुछ भी महसूस करने की जैसे शक्ति ही नहीं थी।निश्चित रूप से यह एक फ़िल्म नहीं थी, एक ऐसा सच था, जिससे सम्पूर्ण मानव-जाति को शर्मिंदा होना चाहिए। हम सभी ने तमाम कहानियां पढ़ीं हैं,जिनमें […]
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष : श्रृंखला – 4
International Women’s Day special : Part – 4 विश्व-पटल पर नारी और कश्मीर-दर्शन – डॉ. अग्निशेखर “शायद जन्मांतरों की एक अव्यतीत स्मृति की तरह तुम मेरे भीतर किसी अबूझ उपत्यका में बहती नदी से निकली बाहर जैसे कोई फिल्मी दृश्य हो या महाभारत सीरियल का कोई अंश ‘मैं वितस्ता हूँ ‘ कहा तुमने […]
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष : श्रृंखला – 3
International Women’s Day special : part – 3 मैं, मैं ही रहूंगी…. – डॉ. स्वर्ण ज्योति “मैं, मैं ही रहूंगी अपनी ही छवि बनाऊँगी मैं राधा नहीं बन सकती कि आज प्रेयसी प्रताड़ित है मैं सीता नहीं बन सकती कि आज पतिव्रता पतित है मैं मीरा नहीं बन सकती कि आज भक्ति भ्रमित है मैं […]
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष : श्रृंखला – 2
International Women’s Day special : Part – 2 परंपरा एवं आधुनिकता की बुलंद आवाज़ अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) के अवसर पर आज जिस शख़्सियत को हम ‘चुभन’ पर आमंत्रित कर रहे हैं, वे हैं डॉ. चम्पा श्रीवास्तव जी, जिनके व्यक्तित्व को शब्दों में नहीं बांधा जा सकता।हिंदी साहित्य में आपके योगदान को कहने […]
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष : श्रृंखला – 1
International Women’s Day special : part – 1 लीक से अलग सोचती एक आवाज़ : उर्मिला उर्मि “किसी चराग़ से रोशन नहीं किया ख़ुद को, हम अपना आफ़ताब साथ ले के चलते हैं।” – उर्मिला उर्मि आज से ‘चुभन’ पर अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International women’s Day) के कार्यक्रमों का आरंभ हो रहा है, इस श्रृंखला […]
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष : मंथन
International Women’s Day special : Curtain Raiser इस साल भी अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International women’s Day) की तिथि आ पहुंची है। पर क्या, हर बार की तरह इस बार भी सिर्फ वाद-विवाद, विवाद या विचारों की अभिव्यक्ति कर देना काफी रहेगा। क्या हमें इसके दूसरे पहलू पर विचार नहीं करना चाहिए ? जब महिला दिवस […]
वैलेंटाइन्स डे : सच से कितना दूर, कितना पास
– अजय “आवारा” परंपरा निभाना अच्छी बात है। इससे समाज में संस्कार आते हैं, परंतु किसी भी संस्कृति की परंपरा को सिर्फ अनुसरण के नाम पर अपना लेना कहां तक उचित है? इस महीने वैलेंटाइन्स डे की धूम रही है। माना जाता है कि यह प्रेमियों का दिन है। मेरे विचार से वैलेंटाइन्स डे की […]
लोकतंत्र में मतदान का महत्व
“दान कर, तो तू महादान कर, वतन पर अपना कर्ज अदा कर, मतदान दिवस है आज का दिन, चल निकल,आज तू मतदान कर। वतन का भी तुझ पर हक है, तेरे हिस्से का बाकी ये कर्ज है, काबिल को उसका हक अदा कर, चल निकल, आज तू मतदान कर। अभी नहीं जागा तो कर्ज रह […]
संतों की भूमि, कर्नाटक की भूमि
-डॉ. श्रीलता सुरेश भारत की समृद्ध संस्कृति प्राचीन काल से हैl उच्चतम मानवीय मूल्यों को पूरे विश्व में स्थापित करने के लिए विख्यात रहा हैl भारत देश साधु-संतों का देश हैं।संत- परंपरा हमारे देश का आध्यात्मिक वैभव है।धर्म के कारण यह संतों के कार्य का मुख्य […]