– अजय “आवारा” यह सच है कि हमारी संस्कृति अपने आप में आकाश है। पर हम अपनी संस्कृति से कितना जुड़े हुए हैं और कितना उसे भूल चुके हैं ? क्या हम भारतीयता को सही मायनों में जी रहे हैं ? […]
Author: Chubhan Today
हिन्दी-दिवस – “चुभन पॉडकास्ट”
हिन्दी-दिवस की आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आज हिंदी राजभाषा, संपर्क भाषा और जन भाषा के सोपानों को पार कर विश्व भाषा बनने की ओर अग्रसर है लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि हिन्दी-दिवस भी एक आयोजन और प्रतीक की तरह ही हर साल आता जाता न रहे, बल्कि ठोस कार्य करने होंगे […]
कश्मीरी विस्थापितों की चुभन : सम्मानजनक वापसी
वक्त के बहाव में कभी-कभी सब कुछ बह जाता है, ढह जाता है और हम टूट कर, बिखर कर रह जाते हैं। ऐसे ही एक बहाव, एक तूफान ऐसा आया कि हमारे देश की संस्कृति का उद्गम स्थल, उसका मुकुट, भारत की शान कहे जाने वाले कश्मीर में ऐसा सब कुछ बदला कि खंडहर से […]
आवारा की बातें
अतीत का वर्तमान : अमृता प्रीतम -अजय ‘आवारा’ अमृता प्रीतम जी की लेखनी के बारे में कुछ लिखना, किसी आम कलम के बूते की बात नहीं। अमृता प्रीतम वह लेखिका हैं, जिनकी कलम उन्हें सब से अलग खड़ा […]
‘संस्कृत दिन’ है लेकिन दीन नहीं
“भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिस्तथा” अर्थात् संस्कृति का मूल संस्कृतभाषा है। संस्कृत भाषा ही भारतीय संस्कृति का आदिस्रोत है। संस्कृत भाषा में ही भारत के सांस्कृतिक विचार, उच्चादर्श और नैतिक मूल्य समाहित हैं। आज ‘संस्कृत दिवस’ है।इस अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।आज हम मिलेंगे डॉ. अमृतलाल गौरीशंकर भोगायता जी से, जो ब्रह्मर्षि संस्कृत […]
राष्ट्रवाद की आवाज़
– अजय “आवारा” आज हमारी स्वतंत्रता का 75वां राष्ट्रीय पर्व है। 15 अगस्त, हमारे लिए तारीख मात्र नहीं, अपितु एक भावनात्मक जुड़ाव भी है। यह वह दिन है, जिस दिन हमको अपने भारतीय होने पर गर्व होता है। पर क्या, 15 अगस्त पर ही भारतीय होने का […]
विश्व का एकमात्र अंक काव्य : सिरि भूवलय
– डॉ.स्वर्ण ज्योति भाषा विचारों के आदान-प्रदान का सशक्त माध्यम है। मानव का मानव से संपर्क माध्यम है भाषा। किंतु भाषा क्या है? इसकी उत्पत्ति कैसे हुई? मानव ध्वनि संकेतों के सहारे अपने भावों और विचारों की अभिव्यक्ति करने के लिए जिस माध्यम को अपनाता है उसे भाषा की संज्ञा दी जाती है। भाषा शब्द […]
कश्मीरी पंडित : शरणार्थी अपने देश में
जम्मू-कश्मीर में जो भी हुआ या हो रहा है, उसके बारे में हम सभी कुछ न कुछ जानते ही हैं परंतु यह भी अटल सत्य है कि जो भी परिस्थितियां बनीं और आज तक कायम हैं, उसमें हमारी भी गलतियां हैं।कश्मीर क्या था और क्या बन गया है, यह तो किसी से भी छुपा नहीं […]
आवारा की बातें
“कुछ बातें प्रेमचंद की” – अजय यादव प्रेमचंद के जन्मोत्सव पर, आनेकों अनेक कार्यक्रम किए जाते रहे हैं, परंतु, ऐसा प्रतीत सोता है, कि हम वृहद आकाश को एक मुट्ठी में समेटने का प्रयास कर रहे हैं। हम प्रेमचंद के साहित्य पर कितने […]
संस्कृत और गुजराती भाषा का सहसंबंध
लेखक – डॉ. भावप्रकाश गांधी “सहृदय” सहायक प्राध्यापक -संस्कृत, सरकारी विनयन कॉलेज गांधीनगर, गुजरात मनुष्य अपने मनोभावों को अभिव्यक्त करने के लिए जिस सार्थक मौलिक साधन का उपयोग करता है उसको हम भाषा कहते हैं । भाष भाषणे इस धातु से भाषा शब्द की निष्पत्ति होती है । इस आधार पर हम यह कह सकते […]