आजकल हर तरफ उत्सवों का माहौल है,हम सभी नवरात्रि और दशहरा मना रहे हैं और फिर दीपावली मनाने की तैयारियां कर रहे हैं।सभी को नवरात्रि और दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएँ।इन पर्व त्यौहारों की जो उमंग पहले हुआ करती थी,वह अब उतनी नहीं रही।आजकल इन अवसरों पर लोगों की सहभागिता कम होती जा रही है।इनका स्वरुप…
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आजकल पितृपक्ष या श्राद्ध चल रहे हैं। ‘श्राद्ध’ जैसा कि नाम से ही स्पष्ट हो जाता है कि श्रद्धा का भाव और लगभग सभी जानते होंगे कि इस अवसर पर हम अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा का भाव व्यक्त करने के लिए तरह-तरह के उपक्रम करते हैं।आज श्राद्ध का मतलब सिर्फ भोज कराना और दिखावा…
तीन-चार दिन पहले सोशल मीडिया के माध्यम से एक गीत सुनने का अवसर मिला।जैसा कि आमतौर पर हम सभी के साथ होता है कि सोशल मीडिया के माध्यम से कोई भी गीत,कविता या सन्देश जो भी हमें प्राप्त होते हैं उन्हें हम सरसरी तौर पर सुन या देख लेते हैं परन्तु कभी-कभी ही ऐसा होता…
हिंदी हमारी राजभाषा है अतः इसका सम्मान बहुत आवश्यक है।चीनी भाषा के बाद बोली जाने वाली विश्व की दूसरी सबसे बड़ी भाषा हमारी हिंदी ही है।आज हिंदी राजभाषा,संपर्क भाषा,जनभाषा के सोपानों को पार कर विश्वभाषा बनने की ओर अग्रसर है तो वही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफलता प्राप्त करने के लिए अंग्रेजी भाषा का ज्ञान भी…
हिंदी सिनेमा की सुर-सम्राज्ञी लता मंगेशकर का गाना ‘इक प्यार का नगमा है’ गाकर रातों-रात प्रसिद्ध हुई रानू मंडल आजकल सोशल मीडिया में छाई हुई हैं।कुछ दिन पहले फेसबुक पर एक विडियो वायरल हुआ था,जिसमें भिखारिन जैसी दिखने वाली एक महिला बहुत ही मधुर और सुरीले अंदाज़ में ‘शोर’ फिल्म का यही गीत गा रही…
शिक्षा के बिना सभ्य और शिक्षित समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती और शिक्षा का यह मार्ग गुरु के दर से होकर ही जाता है।वह गुरु ही है जो अपने ज्ञान और अनुभव से मामूली इंसान को आम से खास बना देता है।आज का दिन यानि 5 सितम्बर देश में ‘शिक्षक दिवस’ के…
जिस समाज में ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः’,या ‘औरत तो दुर्गा है’ और ऐसी ही बहुत-सी उपमाओं से नारी को सम्मान देने की कोशिश की जाती है और ‘बेटी’ से लेकर ‘माँ’ तक हर रूप में स्त्री को सम्मान देने की संस्कृति रही है,वहां पता ही नहीं चला कि कब और कैसे महिलाएं उपहास…
लोकहित तथा लोक-धर्म के कट्टर समर्थक गोस्वामी तुलसीदास जी के नाम को,ऐसा कोई भी नहीं होगा जो न जानता हो।कलयुग में राम कथा के विस्तारक तथा उन्नायक तुलसीदास जी की रचनाओं में मर्यादा तथा औचित्य का सर्वत्र प्रत्येक पग पर ध्यान रखा गया है।हिंदी साहित्य-संसार में गोस्वामी तुलसीदास जी के ऊपर बहुत शोध-कार्य किये गये…
विश्व में हर धर्म में अनेक संत हुए हैं।संतों के वचन अनमोल होते हैं और कुछ ही शब्दों में गहरी बात कहने की इनमें ईश्वर-प्रदत्त शक्ति होती है।कुछ संत और उनके विचारों से तो हम सभी परिचित हैं या कह सकते हैं कि उन्हें इतनी प्रसिद्धि मिलती है कि शायद ही दुनिया में कोई हो…
15 अगस्त 1947 को लम्बी पराधीनता के बाद भारत को स्वतंत्रता का वरदान मिला।इस वर्ष हम आज़ादी की 73वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।भारत की आज़ादी का संग्राम बल से नहीं वरन सत्य और अहिंसा के सिद्धांत के आधार पर विजित किया गया।इतिहास में स्वतंत्रता के संघर्ष का एक अनोखा और अनूठा अभियान था,जिसे विश्व भर…