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आज गणतंत्र दिवस(26 जनवरी) की मेरे सभी पाठकों को बहुत बहुत शुभकामनाएं।आज का दिन हम सभी के लिए बहुत खास होता है, क्योंकि इसी दिन भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया था।
किसी भी देश के लिए स्वतंत्रता का बहुत मूल्य होता है।वह स्वतंत्रता जो देश के लोगों को अपनी शर्तों पर जीने की सुविधा…
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आज 24 फरवरी 2022 को चंडीगढ़ के टैगोर थियेटर में हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा अम्बाला के मशहूर शायर नफ़स अम्बालवी जी को उर्दू अदब की खिदमात और बकौल उर्दू अकादमी, आलातरीन अदबी मकाम हासिल करने के लिए साल 2020 के लिए "श्री सुरेन्द्र पंडित सोज़" सम्मान और 'अकादमी अवार्ड' से…
एक नहीं सैकड़ों देश-विदेश के महान लोगों के मुंह से मैंने सुना है कि भारत विविधता में एकता से भरा- पूरा देश है।हम सौभाग्यशाली हैं कि एक ऐसे देश के वासी हैं जहाँ हर पर्व मिलजुल कर विभिन्न तौर-तरीकों से और सबसे बड़ी बात कि ऋतु और मौसम के अनुसार मनाया जाता है इसलिए हमारे…
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"मैंने अपनी झोली में
जितना संसार भरा था
वह लौटा दिया है सारा
लगता है नया जन्म हुआ है
एक सूर्यवस्त्र लिपटा है
मेरे चारों ओर
हाथ में स्पर्श है किसी की पवित्रता का
और आंख में महासागर के अतल जल का
बोध-
ठिठका है।"
- सुप्रसिद्ध कवयित्री पद्मश्री डॉ. सुनीता जैन
आज "चुभन" के पटल पर मुझे डॉ. शीला डागा जी से संवाद करने का…
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गुजरता वक्त, कुछ अनुभव देकर जाता है, तो कुछ संकेत भी दे देता है। वहीं, आने वाला वक्त, अपने अंदर दफ्न कई राज़ लिए आता है। कल में कुछ संकेत छुपे होते हैं, कल के लिए। उस राज़ को समझने की, और उसके साथ चलने की क्षमता, हमें कल का अनुभव ही देता है। यूं…
- अजय "आवारा"
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कोई तो लिखता है,
कोई दिल से लिखता है,
कोई सोच कर लिखता है,
पर कोई, पागलपन में लिखता है।
कोई सोच समझ कर लिखता है
कोई सुनाने के लिए लिखता है
कोई अपनी बात लिखता है
पर कोई दिल की बात लिखता है।
कोई साहित्य की बात लिखता है,
कोई नियमों के आधार…
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आज देश मे गोवंश की दशा बहुत अच्छी नहीं है।इन बेज़ुबानों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार क्यों ? जबकि गाय इस देश का धर्मशास्त्र है, कृषि शास्त्र है, अर्थशास्त्र है, नीति शास्त्र है, उद्योग शास्त्र है, समाज शास्त्र है, आरोग्य शास्त्र है, पर्यावरण शास्त्र है और अध्यात्म शास्त्र भी है।
आज हम जिनसे मिलेंगे, वे हैं करुणा,…
डॉ. भावप्रकाश गांधी "सहृदय"
सहायक प्राध्यापक-संस्कृत,
सरकारी विनयन कॉलेज
गांधीनगर, गुजरात।
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संस्कृत केवल भाषा नहीं है परंतु सत्य सनातन भारतीय संस्कृति की संवाहिका भी है । यह भाषा किसी न किसी रूप में विश्व के कोने कोने में व्याप्त है । संस्कृत साहित्य विश्व का सबसे समृद्ध साहित्य माना जाता है । यह साहित्य निर्माण…
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समकालीन हिंदी कविता के सुप्रसिद्ध कवि डॉ. अग्निशेखर जी की एक कविता से मैं आरम्भ करूँगी।पहले आप इस कविता को पढ़ें, फिर मैं बताती हूं कि आज की पोस्ट का आरंभ इस कविता से ही क्यों ?
एक ललवाख का जन्म
(बेटी भाषा सुम्बली के लिए)
-अग्निशेखर
प्रसूति गृह के बाहर मैं
घड़ी की सुई की तरह कल्पनाओं में
चक्कर काट…
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भाषा हमारे मनोभावों की अभिव्यक्ति का सबसे सशक्त माध्यम है।यह किसी की जागीर नही होती।विभिन्नता में एकता हमारे देश की विशेषता है और इसी विभिन्नता में भाषा गत विभिन्नता भी आती है।
हमारी मातृभाषा हिंदी है परंतु इस मां का ह्रदय इतना विशाल है कि यह हर भाषा को आलिंगन बद्ध करके अपने अन्तस् में समा…