इस वर्ष 30 मई को पद्मश्री से सम्मानित प्रसिद्ध शिक्षाविद और संस्कृत की प्रोफेसर वेदकुमारी घई जी का देहावसान हो गया। आज ‘संस्कृत दिवस’ है।प्रत्येक वर्ष हम श्रावण पूर्णिमा के तीन दिन पूर्व और तीन दिन बाद संस्कृत सप्ताह मनाते हैं। आज के दिन यदि हम उनका स्मरण न करें तो यह दिवस अधूरा ही […]
Category: कश्मीर के रंग
कश्मीर के रंग
‘द कश्मीर फाइल्स’ : दिल को झकझोरती फ़िल्म
‘द कश्मीर फाइल्स’ फ़िल्म देखकर,जो कुछ मैंने महसूस किया, वह ज़िन्दगी में पहली बार हुआ।मेरा दिमाग सुन्न हो चुका था, कुछ भी महसूस करने की जैसे शक्ति ही नहीं थी।निश्चित रूप से यह एक फ़िल्म नहीं थी, एक ऐसा सच था, जिससे सम्पूर्ण मानव-जाति को शर्मिंदा होना चाहिए। हम सभी ने तमाम कहानियां पढ़ीं हैं,जिनमें […]
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष : श्रृंखला – 4
International Women’s Day special : Part – 4 विश्व-पटल पर नारी और कश्मीर-दर्शन – डॉ. अग्निशेखर “शायद जन्मांतरों की एक अव्यतीत स्मृति की तरह तुम मेरे भीतर किसी अबूझ उपत्यका में बहती नदी से निकली बाहर जैसे कोई फिल्मी दृश्य हो या महाभारत सीरियल का कोई अंश ‘मैं वितस्ता हूँ ‘ कहा तुमने […]
रंगमंच और सिनेमा की सशक्त अभिनेत्री : भाषा सुम्बली
समकालीन हिंदी कविता के सुप्रसिद्ध कवि डॉ. अग्निशेखर जी की एक कविता से मैं आरम्भ करूँगी।पहले आप इस कविता को पढ़ें, फिर मैं बताती हूं कि आज की पोस्ट का आरंभ इस कविता से ही क्यों ? एक ललवाख का जन्म (बेटी भाषा सुम्बली के लिए) -अग्निशेखर प्रसूति गृह के बाहर मैं घड़ी की सुई […]
साहित्यकार अग्निशेखर : एक बहुआयामी व्यक्तित्व
सुम्बल, मेरे गांव! कैसे हो मैं तुम्हें सांस सांस करता हूं याद तुम्हारे बीचो बीच से होकर बहती वितस्ता मेरी शिराओं में बहती है मैं हर रोज़ तुम्हारे पुल से छलांग मारकर दूर तक तैरता रहता हूं तुम्हारे आंसुओं में। तुम्हारे उदास चिनारों पर हर शाम उतरती हैं ,मेरी नींद की चिड़ियां जो सपनों में […]
कश्मीरी विस्थापितों की चुभन : सम्मानजनक वापसी
वक्त के बहाव में कभी-कभी सब कुछ बह जाता है, ढह जाता है और हम टूट कर, बिखर कर रह जाते हैं। ऐसे ही एक बहाव, एक तूफान ऐसा आया कि हमारे देश की संस्कृति का उद्गम स्थल, उसका मुकुट, भारत की शान कहे जाने वाले कश्मीर में ऐसा सब कुछ बदला कि खंडहर से […]
कश्मीरी पंडित : शरणार्थी अपने देश में
जम्मू-कश्मीर में जो भी हुआ या हो रहा है, उसके बारे में हम सभी कुछ न कुछ जानते ही हैं परंतु यह भी अटल सत्य है कि जो भी परिस्थितियां बनीं और आज तक कायम हैं, उसमें हमारी भी गलतियां हैं।कश्मीर क्या था और क्या बन गया है, यह तो किसी से भी छुपा नहीं […]
अनुच्छेद 370 का अंत…..तुरंत
कल जो भी कुछ हुआ उसके बारे में तो आप सभी भली-भांति अब तक परिचित हो गये होंगे।वास्तव में अगस्त महीने का भारत के इतिहास में विशेष महत्व रहा है।चाहे वह 8 अगस्त को आरम्भ हुए ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ की बात हो या 15 अगस्त को मिली आज़ादी की।कल यानि 5 अगस्त को […]
जड़ से उखड़ने का दुःख
“चुभन पॉडकास्ट” आज देश के जो भी हालात हैं और जम्मू-कश्मीर में जो भी कुछ हो रहा है उसके बारे में मैं नही सोचती कि किसी को भी कुछ बताने की ज़रूरत है।सच कहा जाए तो हर देशवासी का आज ह्रदय रो रहा है लेकिन आज के हालातों में मैं एक बात ज़रूर कहना चाहूंगी […]