” उसने फेंके मुझ पर पत्थर और मैं पानी की तरह और ऊंचा,और ऊंचा और ऊंचा उठ गया।” प्रसिद्ध कवि कुंवर बेचैन जी की इन पंक्तियों के भाव को सार्थक कर दिया है, उस शख्सियत ने,जिनके बारे में आज हम बात करेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार में पुलिस अधिकारी रहीं डॉ. सत्या सिंह जी के नाम […]
Month: January 2021
कन्नड़ साहित्य में राष्ट्रवाद:गणतंत्र दिवस पर विशेष
विभिन्न काल के रूप में समय का बदलना अनिवार्य एवं स्वाभाविक प्रक्रिया है। इसे हमारी मजबूरी समझिए या नियति। जो समय की चाल से पिछड़ गया वह समाज द्वारा भुला दिया गया है। ऐसी स्थिति में यह अनिवार्य हो जाता है कि हम समय की चाल के साथ चलते जाएं। आदिकाल से ही संचार के […]
कन्नड़ साहित्य:उद्गम एवं विकास
साहित्य को हम देश काल या भाषा की हदों से नहीं बांध सकते।भाषा कोई भी हो,यदि सृजन अच्छा हुआ है तो उसे पढ़ने-सुनने से कोई रोक नही सकता। सूफी प्रेमाख्यानक काव्य के प्रवर्तक कवि मलिक मुहम्मद जायसी जी की कर्मभूमि जायस हम कई बार गए और उनकी मजार पर माथा टेका। हम उस उत्तर प्रदेश […]
दक्षिण भारत में हिन्दी साहित्य
आप सभी को ,वैश्विक पटल पर हिंदी के विशेष उत्सव,’विश्व हिंदी दिवस’ की हार्दिक शुभकामनाएं। 10 जनवरी 2006 से इस दिवस को मनाया जा रहा है।इसका मुख्य उद्देश्य हिंदी को अंतरराष्ट्रीय भाषा का दर्ज़ा दिलाना और प्रचार-प्रसार करना है।साथ ही हिन्दी को जन-जन तक पंहुचाना है। हमारे देश की सभ्यता एवं संस्कृति की यही तो […]