गुजरता वक्त, कुछ अनुभव देकर जाता है, तो कुछ संकेत भी दे देता है। वहीं, आने वाला वक्त, अपने अंदर दफ्न कई राज़ लिए आता है। कल में कुछ संकेत छुपे होते हैं, कल के लिए। उस राज़ को समझने की, और उसके साथ चलने की क्षमता, हमें कल का अनुभव ही देता है। यूं […]
Month: December 2021
कविताएं बोलतीं हैं
– अजय “आवारा” कोई तो लिखता है, कोई दिल से लिखता है, कोई सोच कर लिखता है, पर कोई, पागलपन में लिखता है। कोई सोच समझ कर लिखता है कोई सुनाने के लिए लिखता है कोई अपनी बात लिखता है पर कोई दिल की बात लिखता है। कोई […]
अवस्थी से भिखारी तक
आज देश मे गोवंश की दशा बहुत अच्छी नहीं है।इन बेज़ुबानों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार क्यों ? जबकि गाय इस देश का धर्मशास्त्र है, कृषि शास्त्र है, अर्थशास्त्र है, नीति शास्त्र है, उद्योग शास्त्र है, समाज शास्त्र है, आरोग्य शास्त्र है, पर्यावरण शास्त्र है और अध्यात्म शास्त्र भी है। आज हम जिनसे मिलेंगे, वे हैं […]
सुभाषितों को जन-जन के मन तक पहुंचाते सहृदय कवि
डॉ. भावप्रकाश गांधी “सहृदय” सहायक प्राध्यापक-संस्कृत, सरकारी विनयन कॉलेज गांधीनगर, गुजरात। संस्कृत केवल भाषा नहीं है परंतु सत्य सनातन भारतीय संस्कृति की संवाहिका भी है । यह भाषा किसी न किसी रूप में विश्व के कोने कोने में व्याप्त है । संस्कृत साहित्य विश्व का सबसे समृद्ध साहित्य माना जाता है । यह साहित्य निर्माण […]
रंगमंच और सिनेमा की सशक्त अभिनेत्री : भाषा सुम्बली
समकालीन हिंदी कविता के सुप्रसिद्ध कवि डॉ. अग्निशेखर जी की एक कविता से मैं आरम्भ करूँगी।पहले आप इस कविता को पढ़ें, फिर मैं बताती हूं कि आज की पोस्ट का आरंभ इस कविता से ही क्यों ? एक ललवाख का जन्म (बेटी भाषा सुम्बली के लिए) -अग्निशेखर प्रसूति गृह के बाहर मैं घड़ी की सुई […]