Chubhan Today

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष : श्रृंखला – 2

International Women’s Day special : Part – 2 परंपरा एवं आधुनिकता की बुलंद आवाज़ अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) के अवसर पर आज जिस शख़्सियत को हम ‘चुभन’ पर आमंत्रित कर रहे हैं, वे हैं डॉ. चम्पा श्रीवास्तव जी, जिनके व्यक्तित्व को शब्दों में नहीं बांधा जा सकता।हिंदी साहित्य में आपके योगदान को कहने…

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अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष : श्रृंखला – 1

International Women’s Day special : part – 1 लीक से अलग सोचती एक आवाज़ : उर्मिला उर्मि “किसी चराग़ से रोशन नहीं किया ख़ुद को, हम अपना आफ़ताब साथ ले के चलते हैं।” – उर्मिला उर्मि आज से ‘चुभन’ पर अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International women’s Day) के कार्यक्रमों का आरंभ हो रहा है, इस श्रृंखला…

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अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष : मंथन

International Women’s Day special : Curtain Raiser इस साल भी अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International women’s Day) की तिथि आ पहुंची है। पर क्या, हर बार की तरह इस बार भी सिर्फ वाद-विवाद, विवाद या विचारों की अभिव्यक्ति कर देना काफी रहेगा। क्या हमें इसके दूसरे पहलू पर विचार नहीं करना चाहिए ? जब महिला दिवस…

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वैलेंटाइन्स डे : सच से कितना दूर, कितना पास

– अजय “आवारा” परंपरा निभाना अच्छी बात है। इससे समाज में संस्कार आते हैं, परंतु किसी भी संस्कृति की परंपरा को सिर्फ अनुसरण के नाम पर अपना लेना कहां तक उचित है? इस महीने वैलेंटाइन्स डे की धूम रही है। माना जाता है कि यह प्रेमियों का दिन है। मेरे विचार से वैलेंटाइन्स डे की…

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लोकतंत्र में मतदान का महत्व

“दान कर, तो तू महादान कर, वतन पर अपना कर्ज अदा कर, मतदान दिवस है आज का दिन, चल निकल,आज तू मतदान कर। वतन का भी तुझ पर हक है, तेरे हिस्से का बाकी ये कर्ज है, काबिल को उसका हक अदा कर, चल निकल, आज तू मतदान कर। अभी नहीं जागा तो कर्ज रह…

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संतों की भूमि, कर्नाटक की भूमि

                   -डॉ. श्रीलता सुरेश भारत की समृद्ध संस्कृति प्राचीन काल से हैl उच्चतम मानवीय मूल्यों को पूरे विश्व में स्थापित करने के लिए विख्यात रहा हैl भारत देश साधु-संतों का देश हैं।संत- परंपरा हमारे देश का आध्यात्मिक वैभव है।धर्म के कारण यह संतों के कार्य का मुख्य…

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रहें न रहें हम, महका करेंगे….लता दीदी

आज सुबह जैसे ही भारत रत्न,स्वर कोकिला लता मंगेशकर जी के देह-त्याग की खबर सुनी, सच में जैसे कुछ देर के लिए दुनिया रुक गई।मैंने देह-त्याग इसलिए कहा क्योंकि वास्तव में उनकी मृत्यु नहीं हुई, उन्होंने शरीर छोड़ा किन्तु उनकी आत्मा, उनकी आवाज़ हमारे दिलों में सदियों तक गूंजती रहेगी। वे अमर हैं और युगों…

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वर दे वीणावादिनि वर दे

वसंत के आगमन के साथ ही मौसम में एक विचित्र-सा परिवर्तन आने लगता है।देह को सहलाती हुई हवा में मन धीरे-धीरे मचलने लगता है।आम के वृक्षों में मंजरियाँ फूटने लगती हैं।यह एक ऐसा मौसम है जिसमें रंग-बिरंगे फूल जगह-जगह खिले हुए दिखते हैं और उन्हें देख कर मन मोहित हुआ रहता है।नदियों,सरोवरों और झरनों में…

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उत्तर प्रदेश एवं राजनीति की दिशा

       – अजय “आवारा” उत्तर प्रदेश एवं देश की राजनीति में दो रेखाएं हैं, जो कहने को तो दो रेखाएं हैं, परन्तु इन दोनों के अस्तित्व को अलग कर के नहीं देखा जा सकता। या यू कहें कि एक रेखा का अस्तित्व ही दूसरी रेखा के अस्तित्व पर आश्रित है। विचार योग्य बात…

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स्वतंत्रता संग्राम का बिसरा पहलू

     – अजय “आवारा” अहिंसा की शिक्षा भारत के लिए कोई नई बात नहीं है।सिर्फ बौद्ध और जैन धर्म में ही नहीं, अहिंसा की महिमा उनसे पहले उपनिषदों में भी गाई गई थी।कहा जा सकता है कि अहिंसा भारत की सभ्यता का सार है।इसमें कोई संशय नहीं कि अहिंसा का उपदेश भारत में इतने…

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