रहें न रहें हम, महका करेंगे….लता दीदी

आज सुबह जैसे ही भारत रत्न,स्वर कोकिला लता मंगेशकर जी के देह-त्याग की खबर सुनी, सच में जैसे कुछ देर के लिए दुनिया रुक गई।मैंने देह-त्याग इसलिए कहा क्योंकि वास्तव में उनकी मृत्यु नहीं हुई, उन्होंने शरीर छोड़ा किन्तु उनकी आत्मा, उनकी आवाज़ हमारे दिलों में सदियों तक गूंजती रहेगी। वे अमर हैं और युगों…

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कुछ चुभते प्रश्न

चुनावी माहौल में आजकल चाहे हम न्यूज़ पेपर पढ़ें या किसी भी टी.वी.चैनल पर डिबेट देखें,बस हर तरफ आरोपों-प्रत्यारोपों का दौर चल रहा है।किसी भी तरह से चुनाव में जीत हासिल कर ली जाए बस यही मकसद है और इसे पूरा करने के लिए किसी भी हद को पार करने में कोई संकोच नही किया…

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सावन मास का महत्व

हमारे हर पर्व-त्यौहार का अपना अलग ही महत्व है।साल के बारह महीने के हिसाब से भी इनका अलग-अलग महात्म्य होता है।श्रावण या सावन मास का अपना एक अलग ही स्थान है।साहित्यकारों ने भी जितना इस माह के ऊपर अपनी रचनाएँ लिखीं उतनी किसी अन्य पर नहीं।इसी तरह हमारे बॉलीवुड में भी सावन और बरसात के…

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विजयादशमी का हमारे जीवन में व्यवहारिक महत्व

विजयादशमी के पावन पर्व पर आप सभी को अनंत मंगलकामनाएं। इन पर्व-उत्सवों की जो उमंग पहले हुआ करती थी, वह अब उतनी नहीं रही।इन त्योहारों का स्वरूप लोकोन्मुखी नही रह गया है।आज जीवन में राम को लाने की आवश्यकता है तभी इन पर्वों को सही मायने में प्रासंगिक बनाया जा सकता है। हम सब जानते…

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बेटियां

इधर चार-पांच दिन से टेलीविजन या सोशल मीडिया में एक ही किस्सा छाया हुआ है,बरेली से भाजपा विधायक राजेश मिश्र उर्फ़ पप्पू भरतौल की बेटी साक्षी मिश्रा की शादी का।जिसने अजितेश नामक युवक से बिना अपने घरवालों की रजामंदी के शादी कर ली।अब यह कोई नई बात तो नहीं है।न जाने कितने युवा जोड़े बिना…

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धरती माँ के लाल-लाल बहादुर शास्त्री

जैसे ही अक्टूबर माह लगता है वैसे ही मन गर्व से भर उठता है क्योंकि इसी माह की 2 तारीख को देश के दो महान सपूतों राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और स्वतंत्र भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी दोनों का जन्मदिन होता है।इस अवसर पर आज मैं शास्त्री जी की कर्मठता,सादगी,ईमानदारी,सत्यनिष्ठा,शालीनता,वाक्पटुता आदि विशेषताओं की…

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हिन्दी दिवस

चुभन के पाठकों को “हिंदी-दिवस” की हार्दिक शुभकामनाएं। हिंदी हमारी राजभाषा है अतः इसका सम्मान बहुत आवश्यक है।चीनी भाषा के बाद बोली जाने वाली विश्व की दूसरी सबसे बड़ी भाषा हमारी हिंदी ही है।आज हिंदी राजभाषा,संपर्क भाषा,जनभाषा के सोपानों को पार कर विश्वभाषा बनने की ओर अग्रसर है तो वही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफलता प्राप्त…

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स्वतंत्रता संग्राम का बिसरा पहलू

     – अजय “आवारा” अहिंसा की शिक्षा भारत के लिए कोई नई बात नहीं है।सिर्फ बौद्ध और जैन धर्म में ही नहीं, अहिंसा की महिमा उनसे पहले उपनिषदों में भी गाई गई थी।कहा जा सकता है कि अहिंसा भारत की सभ्यता का सार है।इसमें कोई संशय नहीं कि अहिंसा का उपदेश भारत में इतने…

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गणतंत्र दिवस पर देश को सलाम

आज का दिन हम सभी के लिए बहुत खास होता है।आज हम अपना गणतंत्र दिवस मनाते हैं क्योंकि इस दिन हम पूर्ण गणतंत्र बने थे लेकिन मेरी प्रसन्नता आज द्विगुणित हो गई है क्योंकि आज ही के दिन आपके साथ मेरा पूरा एक वर्ष व्यतीत हो गया है।पिछले वर्ष 2019 को 26 जनवरी के दिन…

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भगवा,जय श्री राम या हिन्दू कहने में आपत्ति क्यों?

कुछ बातों की चर्चा मुझे लगता है कि बिलकुल अनर्गल होती है।उनपर बहस करना मतलब समय बर्बाद करना है।इस आधुनिक समाज में जहाँ करने को इतना कुछ है वहां छोटे-छोटे दकियानूसी विषयों या कह लें मुद्दों पर लम्बी-लम्बी बहस चलती है और समय बर्बाद किया जाता है जो निश्चित तौर पर दिल में चुभन देता…

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