संस्कृत और गुजराती भाषा का सहसंबंध

लेखक – डॉ. भावप्रकाश गांधी “सहृदय” सहायक प्राध्यापक -संस्कृत, सरकारी विनयन कॉलेज गांधीनगर, गुजरात मनुष्य अपने मनोभावों को अभिव्यक्त करने के लिए जिस सार्थक मौलिक साधन का उपयोग करता है उसको हम भाषा कहते हैं । भाष भाषणे इस धातु से भाषा शब्द की निष्पत्ति होती है । इस आधार पर हम यह कह सकते…

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महिलाएं ही क्यों उपहास का पात्र?

जिस समाज में ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः’,या ‘औरत तो दुर्गा है’ और ऐसी ही बहुत-सी उपमाओं से नारी को सम्मान देने की कोशिश की जाती है और ‘बेटी’ से लेकर ‘माँ’ तक हर रूप में स्त्री को सम्मान देने की संस्कृति रही है,वहां पता ही नहीं चला कि कब और कैसे महिलाएं उपहास…

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वेद-लौकिक और पारलौकिक ज्ञान के ग्रन्थ

वेद संसार के पुस्तकालय में सबसे प्राचीन ग्रन्थ हैं।यह लौकिक और पारलौकिक ज्ञान के ग्रन्थ हैं।इनमें उच्चकोटि के आध्यात्मिक सिद्धांत,विद्या,कला और व्यवहार सम्बन्धी ज्ञान का समावेश है।यद्यपि यह ज्ञान संक्षिप्त और सूत्र रूप से एक-एक,दो-दो ऋचाओं में दिया गया है,जिसका आशय प्रत्येक व्यक्ति शीघ्र हृदयंगम नही कर सकता,पर उन्हीं का आधार लेकर विद्वानों ने बड़े-बड़े…

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‘द कश्मीर फाइल्स’ : दिल को झकझोरती फ़िल्म

‘द कश्मीर फाइल्स’ फ़िल्म देखकर,जो कुछ मैंने महसूस किया, वह ज़िन्दगी में पहली बार हुआ।मेरा दिमाग सुन्न हो चुका था, कुछ भी महसूस करने की जैसे शक्ति ही नहीं थी।निश्चित रूप से यह एक फ़िल्म नहीं थी, एक ऐसा सच था, जिससे सम्पूर्ण मानव-जाति को शर्मिंदा होना चाहिए। हम सभी ने तमाम कहानियां पढ़ीं हैं,जिनमें…

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परिवर्तन

हममें से शायद ही कोई होगा जो अपने बचपन को याद नही करता होगा।कैसा भी उम्र का वह दौर रहा हो लेकिन उसकी मिठास,उसकी ठंडक और उसमें जो छांव मिलती है वह पूरा जीवन बिता लेने के बाद भी कभी वापस नहीं आ पाती।उसका एक कारण शायद यह भी होता है कि उम्र के उस…

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युग विभूति:अमिताभ बच्चन बनाम आम आदमी

कल रात में जैसे ही बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन के कोरोना कोविड-19 से संक्रमित होने की खबर सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर आनी शुरू हुईं तो एक बार तो शायद किसी को भी विश्वास ही न हुआ हो लेकिन जब यह एहसास हुआ कि खबर सही है तो फिर मन में तमाम तरह…

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प्रेमचंद:धनपतराय से मुंशी प्रेमचंद बनने की कहानी

साहित्य-क्षेत्र में प्रेमचंद के नाम से विख्यात प्रेमचंद का असली नाम धनपतराय था।हिंदी साहित्य के गगन में प्रकाशवान सूर्य की तरह भासमान प्रेमचंद जी का जन्म 31 जुलाई 1880 में काशी के लमही ग्राम में हुआ था।उनके पिता अत्यधिक निर्धन थे।इसीलिए उनको बाल्यकाल से ही आर्थिक तंगी और विपन्नता का शिकार होना पड़ा था।साधारणतः बच्चों…

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कोरोना को ‘करो न’

कोरोना का शोर आजकल हर तरफ मचा हुआ है और इस वायरस की चपेट में आकर पूरे विश्व में  हजारों लोग अपनी जान गँवा चुके हैं।विशेषकर चीन,ईरान और यूरोपीय देशों में तो इसका कहर टूटा ही है।अब धीरे-धीरे पैर फैलाते भारत में भी इसका असर दिखने लगा है और कहीं यह महामारी का रूप न…

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सुभाषितों को जन-जन के मन तक पहुंचाते सहृदय कवि

डॉ. भावप्रकाश गांधी “सहृदय” सहायक प्राध्यापक-संस्कृत, सरकारी विनयन कॉलेज गांधीनगर, गुजरात। संस्कृत केवल भाषा नहीं है परंतु सत्य सनातन भारतीय संस्कृति की संवाहिका भी है । यह भाषा किसी न किसी रूप में विश्व के कोने कोने में व्याप्त है । संस्कृत साहित्य विश्व का सबसे समृद्ध साहित्य माना जाता है । यह साहित्य निर्माण…

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श्री राम का संघर्ष

हर तरफ कैसा कोहराम, कैसा मातम छाया हुआ है?हर चीज़ अपनी जगह पर स्थिर हो गयी है।कुदरत भी मानो रो रही है।पूरा विश्व ही मौत के आगोश में बैठा है।कब किसकी बारी आ जाए, इसकी शंका हर मन में रहती है।कितने अपनों को हम अपने सामने से जाता देख रहे हैं और कोई अपना अब…

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