आज का दिन हम सभी के लिए बहुत खास होता है।आज हम अपना गणतंत्र दिवस मनाते हैं क्योंकि इस दिन हम पूर्ण गणतंत्र बने थे लेकिन मेरी प्रसन्नता आज द्विगुणित हो गई है क्योंकि आज ही के दिन आपके साथ मेरा पूरा एक वर्ष व्यतीत हो गया है।पिछले वर्ष 2019 को 26 जनवरी के दिन…
‘कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन’ इस गाने को सुनते ही हम सब अपने पुराने दिनों में खो ही जाते हैं।अतीत कैसा भी हो उसकी स्मृतियाँ स्याह-सफ़ेद जैसी भी हों लेकिन याद हमेशा दिल में रहती ही है।कुछ बातें ऐसी होती हैं जो हमारे अतीत का एक हिस्सा ही होती हैं।जैसे टेलीविज़न पर जब…
आज सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप के गुनहगार अक्षय ठाकुर की पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज कर दिया।ऐसा हम सभी को लग रहा था कि कोर्ट चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी कर सकता है परन्तु कोर्ट में अब सुनवाई टल गई है।अगली सुनवाई अब 7 जनवरी 2020 को होगी।स्पष्ट है कि दोषियों को अब 20…
आज सुबह होते ही हम सबको एक समाचार जिसने स्तब्ध कर दिया और मुझे बताने की ज़रूरत नहीं कि वह हैदराबाद गैंगरेप के चारों आरोपियों की पुलिस एनकाउंटर में हुई मौत का मामला था।इस समाचार को सुनते ही मेरी,मेरे परिवार और मेरे दोस्तों की पहली प्रतिक्रिया आश्चर्य और ख़ुशी की थी लेकिन फिर तुरंत मेरे…
कुछ घटनाएँ ऐसी होती हैं जो झकझोर देती हैं,कुछ हिला देती हैं,कुछ सोचने पर मजबूर करती हैं,कुछ शर्मिंदा करती हैं,कुछ प्रश्न खड़े करती हैं,कुछ जीवन ही बदल देती हैं और भी न जाने क्या-क्या हो जाता है किसी एक घटना के हो जाने से परन्तु कोई एक घटना अगर इन सारी परिस्थितियों को तो जाने…
मेरे विचार से पूरे विश्व में कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं होगा जो श्री राम का नाम और चरित्र न जानता हो।ईश्वर या दैवीय रूप की अपेक्षा उनका मर्यादा पुरुष वाला रूप अधिक लोकप्रिय और लोकग्राह्य है परन्तु आज हालात ऐसे हो गये हैं कि उनके व्यक्तित्व या चरित्र से प्रेरणा लेने के स्थान पर…
सिख धर्म के संस्थापक और प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी का जन्म रावी नदी के किनारे स्थित तलवंडी गाँव (सम्प्रति पाकिस्तान में लाहौर के निकट) में वर्ष 1469 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था।बाद में यह स्थान ननकाना साहब के नाम से प्रसिद्ध हुआ।उनका जन्म दिवस प्रति वर्ष प्रकाश पर्व के रूप…
जैसा कि मैंने अपने पाठकों से वादा किया था कि कुछ लेख हास्य-व्यंग्य से परिपूर्ण भी पेश किया करुँगी तो आज काफी दिनों बाद मैं आपके होठों पर मुस्कुराहट लाने के लिए ‘मुफ्त सलाह’ पेश कर रही हूँ।उम्मीद है कि आपको मज़ा आएगा-
सलाह लेने और सलाह देने की परम्परा आदिकाल से ही चली आ रही…
हम सभी वर्षों से यह सुनते आये हैं कि आधा गिलास पानी से भरा या आधा खाली।बात नज़रिए की है।एक बात मुझे बहुत चुभन देती है और वह यह कि वैसे तो हम सभी कभी न कभी अपने जीवन में निराशा और दुःख के दौर से गुजरते हैं और यह दौर कभी लम्बा होता है…
मानव स्वभावतःअंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ता है।उसकी इसी प्रवृत्ति ने ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ का गंभीर घोष किया।दीपावली को आधुनिक और स्वस्थ सन्दर्भ में मानव के इसी स्वभाव का प्रतीक कहा जा सकता है परन्तु इस सारे सन्दर्भ में एक बात जो सबसे ज्यादा चुभन देती है वह यह है कि इस हर्षोल्लासमयी दीपावली के…